. . . शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में निरन्तर हो रही वृद्धि
- रोजगार के अवसरों में वृद्धि हेतु शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार, 

इनोवेशन एवं उद्यम स्थापना से जोड़े जाने की आवश्यकता

 

लखनऊ, 29 अगस्त। प्रदेश में जहां एक ओर शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति हुई है वहीं रोजगार के अवसर भी बढ़े हैं। आज के शिक्षित युवाओं को यदि स्वरोजगार, इनोवेशन एवं उद्यम स्थापना से जोड़ दिया जाए तो उपलब्ध रोजगार अवसरों में और भी वृद्धि हो सकती है। किन्तु जिस अनुपात में रोजगार के अवसर का सृजन होना चाहिए वह नहीं हो पाया है, परिणाम स्वरूप शिक्षित बेरोजगारों की संख्या में निरन्तर वृद्धि हो रही है। इसको दृष्टिगत रखते हुए उद्यमिता विकास संस्थान उप्र लखनऊ द्वारा तकनीकी एवं प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों में उद्यमिता विकास के विशेष प्रयास करते हुए भारत भविष्य योजना का संचालन किया जा रहा है।

विश्व बैंक के कार्यक्रम टीईक्यूआईपी एवं भारत भविष्य योजना के अन्तर्गत एवं एसपीआईयूयूपी के प्रायोजन से संस्थान द्वारा एक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन 26 से 28 अगस्त तक संस्थान परिसर में किया गया। जिसमें बुन्देलखण्ड यूनिवर्सिटी झांसी, पूर्वांचल यूनिवर्सिटी जौनपुर यूपीटीटीआई कानपुर केएनआईटी सुल्तानपुर के 45 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इंजीनियरिंग के छात्र-छात्राओं को उद्योग के प्रति प्रेरित करने के साथ-साथ ही उनको उद्यम स्थापना की दिशा में मार्ग दर्शन भी किया जाना था। इस कार्यक्रम में विभिन्न विषय विशेषज्ञों द्वारा सत्र लिये जाने के साथ-साथ औद्योगिक भ्रमण भी कराया गया।

इस परियोजना में संस्थान द्वारा अभी तक 10 उद्यमिता आधारित एफडीपी के माध्यम से लगभग 200 फैकल्टी एवं उद्यमिता एवं कैरियर विकल्प पर 20 जागरूकता कार्यशाला से लगभग 2000 छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है। प्रशिक्षण सत्र के दौरान संस्थान की सुश्री विभा त्रिपाठी ने उद्यमिता की संभावनाओं पर चर्चा की एवं छात्रों में सफलता के लिए आवश्यक कारकों का टेस्ट भी कराया एवं एचसीएल के पूर्व निदेशक राजन जौहरी ने इस बात पर जोर दिया कि नये उद्योग के चुनाव और उसके प्रबंधन पर विशेष सावधानियों को ध्यान में रखते हुए उसकी तह तक जाने की आवश्यकता है।