सड़कों को गड्ढामुक्त करने का ग्राम्य विकास विभाग मंत्री ने दिया निर्देश
- ग्राम्य विकास मंत्री ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की सड़कों को आगामी 15 नवम्बर 2019 तक गड्ढामुक्त करने के दिए कड़े निर्देश

 

- आकस्मिक निरीक्षण में सड़कों की स्थिति खराब पाये जाने पर सम्बंधित अधिकारी नपेंगे : डाॅ0 महेन्द्र सिंह

 

लखनऊ, 15 अगस्त। उत्तर प्रदेश के ग्राम्य विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित सभी सड़कों को 15 नवम्बर 2019 तक गड्ढामुक्त किये जाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा है कि इस योजना की सभी सड़कों पर योजना, सड़क, निर्माणकर्ता एजेन्सी तथा ठेकेदार का नाम मोबाइल नम्बर सहित दर्शाने वाला बोर्ड भी लगाये जायें, जिससे सड़क निर्धारित अवधि से पूर्व खराब होने पर सम्बंधित की जवाबदेही तय की जा सके। उन्होंने यह भी कहा है कि सड़क निर्माण में हर स्तर पर गुणवत्ता सुनिश्चित की जाय अन्यथा सम्बंधित अभियन्ता कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहें। उन्होंने पिछली साधारण सभा में लिये गये निर्णयों का अनुपालन न करने तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न किये जाने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए लोक निर्माण विभाग तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के प्रमुख अभियन्ताओं के खिलाफ कार्रवाई किये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार किये जाने के भी निर्देश दिये।

डाॅ0 महेन्द्र सिंह योजना भवन में उत्तर प्रदेश ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण की साधारण सभा की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने गोण्डा, रायबरेली, कानपुर, बख्शी का तालाब (लखनऊ) की सड़कों का उदाहरण देते हुए अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और कहा कि सड़क निर्माण में मानक का पालन नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जायेगी। इसके साथ ही 15 नवम्बर, 2019 के बाद उच्च स्तर पर जनपदों का भ्रमण करके सड़कों की वास्तविक स्थिति जानने के लिए निरीक्षण किया जायेगा और जहां भी कमी पायी जायेगी, सम्बंधित को दण्डित किया जायेगा।

ग्राम्य विकास मंत्री ने पिछली साधारण सभा की बैठक के बिन्दुओं पर की गयी कार्रवाई की समीक्षा करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की गयी है और जमीन पर कार्य नहीं किया गया है। इसके साथ ही कहीं-कहीं निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है तथा उदासीन, लापरवाह पाये गये अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गयी है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को देश का सर्वाधिक विकसित प्रदेश बनाना है। इसलिए जो भी अधिकारी जिस पद पर बैठा हो यूपी के विकास के लिए पूरी निष्ठा व लगन से कार्य करें। 

डाॅ0 महेन्द्र सिंह ने कहा कि साधारण सभा की पिछली बैठक में सड़क निर्माण सम्बंधी सभी प्रक्रियाओं में समयसीमा निर्धारित की गयी थी, लेकिन सड़कों के निरीक्षण से यह प्रतीत होता है कि सड़कों के अनुरक्षण गड्ढामुक्त किये जाने का कार्य जमीनी स्तर पर नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि 15 नवम्बर 2019 के बाद किसी भी तरह की छूट नहीं दी जायेगी और सम्बंधित अवर अभियंताओं, अधिशाषी अभियंताओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने नई तकनीक से बनायी जाने वाली सड़कों को टुकड़ों में न बनाकर पूरी लम्बाई में बनाये जाने के निर्देश दिये।

प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुक्त राजेन्द्र कुमार तिवारी ने लोक निर्माण तथा ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के प्रमुख अभियंताओं से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की समस्त सड़कों मेें मानक तथा गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए निर्धारित समय में अनुरक्षण से लेकर निर्माण तक का कार्य पूरा करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने इस योजना से जुड़े सभी बिन्दुओं पर विस्तार से समीक्षा की और अधिकारियों को किसी स्तर पर लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए।

इस अवसर पर रंजन कुमार सचिव लोक निर्माण विभाग, के0 रविन्द्र नायक आयुक्त ग्राम्य विकास, सुजीत कुमार मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीआरआरडीए, आर0सी0 बसवाल प्रमुख अभियंता लोक निर्माण, सुरेन्द्र कुमार मुख्य अभियंता पीएमजीएसवाई, रविन्द्र सिंह गंगवार प्रमुख अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण, जी0पी0 पाण्डेय मुख्य अभियंता लोक निर्माण, कमलेश कुमार वित्त नियंत्रक सहित बड़ी संख्या में अन्य अधिकारी मौजूद थे।