11 सपाई शुभ अंक 11 की संख्या में नाएपा पहुँचे

लखनऊ, 17 जुलाई। नागरिक एकता पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक पूर्व आईएएस राम बहादुर रावत व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमीम खान ने लखनऊ में प्रेस को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन राजनीति इतिहास का महत्वपूर्ण दिन होगा। अपनी बात जारी रखते हुए दोनो नेताओं ने कहा कि अधिकार व न्याय के लिये संघर्ष का दिन है। अब तक सामप्रदायिक व सामन्तवादी ताकतों ने देश की सम्पदा को लूटने व बर्बाद करने के लिये भारत के मूल निवासियों उनमें से विशेषकर दलित, पिछड़ा व अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुसलमान समाज आदि को धर्म व जाति का सहारा लेकर अछूत व नीच समझने वाले सामन्तवादियों को सबक सिखाया जाय और अपने ही देश मे भेद-भाव, शोषण व उत्पीड़न के साथ अपने मूल अधिकारों से बेदखल किये जाने का हिसाब मांगा जाये। नागरिक एकता पार्टी की इन्ही नीतियों से प्रभावित होकर आज बहुजन समाज पार्टी छोड़कर आये पूर्व राज्य मंत्री व जोनल कोआर्डिनेटर अच्छे लाल निषाद और कांग्रेस पार्टी छोड़कर आये कैप्टन दिनेश सिंह सविता जो सविता समाज के अध्यक्ष भी हैं तथा बहुजन समाज पार्टी छोड़कर करके आए कमलेश कुमार भारती जी जो बसपा के कोआर्डीनेटर रहें हैं तथा पीस पार्टी के शीर्ष नेता व राष्ट्रीय महासचिव रहे रईश कुरैशी साहब, पीस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव व अध्यक्ष के प्रतिनिधि रहे रिजवान अहमद एडवोकेट साहब, सामाजिक कार्यकर्ता हरिनन्दन सिंह गौतम एडवोकेट एवं बहुजन समाज पार्टी पाल समाज भाईचारा के अध्यक्ष रहे सन्तोष पाल जी एवं अनूप पटेल व सपा छोड़ करके आए अजमत सिद्दीकी जी ने नागरिक एकता पार्टी का दामन थामा, ये सभी लोग समता मूलक समाज की अवधारणा के लिए संघर्षरत है। आज इन्ही सिद्धान्तों को लेकर नागरिक एकता पार्टी के सभी नेता संघर्ष का एलान करते है तथा पार्टी ये एलान करती है कि आने वाला विधान सभा उप चुनाव इन्ही मुद्दों को लेकर लडे़गी।


 मुझे यह कहते हुए अपार हर्ष है कि जहाँ एक तरफ कई दलों के वर्तमान सदस्य व नेता छोड़कर भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं ऐसी परिस्थिति में देश के संविधान की मूल भावना में विश्वास कर उपर्युक्त दलों के बड़े-बड़े नेता नागरिक एकता पार्टी में शामिल हुए। नागरिक एकता पार्टी देश के सभी धर्म सम्प्रदाय की आस्था के स्थलों व पीठ का सम्मान करती है क्योंकि देश के नागरिकों की आस्था उनसे जुड़ी हुई है। जब कोई व्यक्ति इन आस्था स्थलों का अपने व्यक्तिगत लाभ व सामन्तवादी मानसिकता के लिये दुरूपयोग करता है तो देश के नागरिकों की आस्था को चोट पहुंचती है। जिससे समाज व देश को बहुत बड़ा मूल्य चुकाना पड़ता है हम लोग समय-समय पर इसके खिलाफ आवाज उठाते रहेगें।