उप्र इंजीनियर्स एसोसिएशन ने रिक्त पदों पर चिन्ता जताई

- उ.प्र. इंजीनियर्स एसोसिएषन की स्थापना के 95 वर्ष पूरे


 


 


 


लखनऊ, 12 मई। उत्तर प्रदेष इंजीनियर्स एसोसिषन ने आज अपने 95 वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेष के अभियंत्रण विभागों में भारी संख्या में रिक्त पदों पर चिन्ता जताई। इस दौरान कहा गया कि कई विभाग में 50 प्रतिषत तक अभियंताओं के पद रिक्त है। ऐसे में प्रदेष के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे अभियंता अपनी उपेक्षा से चितिंत है। यूनाइटेड प्राविन्सेज इंजीनियर्स एसोसिएशन की स्थापना 6 मई, 1924 को पीडब्लूडी ब्रान्च ब्रिज एवं रोड्स तथा पीडब्लूडी ब्रान्च इरीगेशन के रायल इंजीनियर्स (ब्रिटिश सरकार की अभियंत्रण सेवा) द्वारा कानपुर में की गयी थी। तदोपरान्त यूनाइटेड प्रोविन्स सरकार, तत्कालीन ब्रिटिश सरकार द्वारा अपने ज्ञाप संख्या-267-ई/288/1924, दिनांक 13 जनवरी, 1925 द्वारा संगठन को मान्यता प्रदान की गई थी। उ.प्र. इंजीनियर्स एसोसिएषन प्रदेष के समस्त अभियंत्रण विभागों/निगमों एवं सार्वजनिक उपक्रमों के समस्त अभियंताओं (सहायक अभियंता से लेकर प्रमुख अभियंता स्तर तक के) का शीर्षस्थ संगठन है। 6 मई, 1924 से आज तक अनेक समस्याओं का सामना करते हुए ''उप्र इंजीनियर्स एसोसिएषन'' अपने लक्ष्यों की प्राप्ति में सदैव तत्पर है। 1983 में गुजरात में अभियंताओं का अखिल भारतीय संगठन ''इण्डियन इंजीनियर्स फेडरेषन'' (इण्डेफ) की स्थापना का श्रेय भी उप्र इंजीनियर्स एसोसिएषन को प्राप्त है। 1924 से लेकर आज तक एसोसिएषन के 47 अध्यक्ष एवं 51 महासचिव, पदाधिकारियों के रूप में पदासीन रहे हैं। वर्तमान में उ.प्र. इंजीनियर्स एसोसिएषन के 55वें सत्र का सफर जारी है। 


 कार्यक्रम का शुभारम्भ वरिष्ठ अभियंताओं के आसन ग्रहण, स्वागत, दीप प्रज्जवलित कर ''भारतरत्न इं. मोक्षगुण्डम् विष्वेष्वरैया जी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया। समारोह की अध्यक्षता इं. अख्तर अली फारूकी-पूर्व अध्यक्ष यूपीईए द्वारा की गयी। समारोह में उपस्थित वरिष्ठ पदाधिकारियों द्वारा एसोसिएषन के गौरवषाली इतिहास पर विस्तृत रूप से प्रकाष डाला तथा एसोसिएषन के लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु अभियंताओं को एक जुट होने तथा संगठित रहने का संकल्प लिया। महासचिव द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि वर्तमान में एसोसिएशन के सामने अनेक चुनौतियाँ हैं, जिनका निराकरण अतिशीघ्र होना आवश्यक है, यथा विगत कई वर्षो से सीधीभर्ती के माध्यम से सहायक अभियंताओं की भर्ती न होने के कारण वर्तमान समय में समस्त अभियंत्रण विभागों में सीधीभर्ती (डिग्रीधारी) के सहायक अभियंताओं के लगभग 50 प्रतिशत पद रिक्त हैं, जिससे सरकार की मंशानुरूप समयान्तर्गत गुणवत्तापरक कार्य सम्पन्न कराने में अनेक कठिनाइयाॅ उत्पन्न हो रही हैं एवं प्रदेश के विकास में बाधा आ रही है। वहीं दूसरी ओर नव डिग्रीधारी युवा रोजगार से वंचित हैं, जबकि माननीय मुख्यमंत्री उ.प्र. की मंशा युवाओं को अविलम्ब रोजगार प्रदान करने की है। इसी क्रम में उ.प्र. सरकार से अनुरोध किया गया कि अभियंत्रण विभागों में उ.प्र. लोक सेवा आयोग के माध्यम से स्लाट निर्धारित कर प्रतिवर्ष सीधीभर्ती के (डिग्रीधारी) सहायक  अभियंताओं  के  पदोें  की  रिक्तियाॅ भरने की प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए। इस सम्बन्ध में एसोसिएशन द्वारा सरकार से कई बार अनुरोध किया जा चुका है। इस अवसर पर इ. मोक्षगुण्डम् विश्वेश्वरैया, इ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, इं.के.एल. राव, इं. ए.एन. खोसला, इं. होमी जहांगीर भाभा, इं. नरायन मूर्ति व इं.ई. श्रीधरन आदि अभियंताओं की उपलब्धियों पर चर्चा की गयी एवं एसोसिएशन के समक्ष वर्तमान व भविष्य की चुनौतियों व समस्याओं, वर्तमान के आलोक में एसोसिएशन की महत्ता के सम्बन्ध में भी विचार-विमर्श हुआ तथा अभियंत्रण संवर्ग व अभियंताओं की उन्नति हेतु किये जाने वाले उपायों पर भी विस्तृत चर्चा की गई।


इस अवसर पर इं. पंकज बकाया, प्रमुख अभियंता, लोनिवि, एसोसिएषन के पूर्व अध्यक्ष-इं. अख्तर अली फारूकी, इं. सीताराम सोनी, पूर्व उपाध्यक्ष-इं. एच.एन. पाण्डेय, पूर्व महासचिव इं. आर.के. श्रीवास्तव, इं. निरंजन सिंह, इं. एन.डी. द्विवेदी, निवर्तमान महासचिव-इं. कायम रजा रिजवी, इं. अतुल कुमार मौर्य, इं. प्रभात कुमार सिंह, इं. मो. नूर आलम, इं. अशोक कनौजिया, इं. राजेश अवस्थी, इं. विजय कनौजिया, इं. कुलदीप श्रीवास्तव, इं. सुधाकर त्रिपाठी, इं. नौशाद अहमद, इं. सादिया बानो, इं. प्रेम प्रकाश शुक्ला के अतिरिक्त प्रदेष के समस्त अभियंत्रण विभागों के अनेेक अभियंता भारी संख्या में उपस्थित हुए तथा अपने-अपने विचार व्यक्त किये गये।