विश्वविद्यालय कार्यपरिषद में न्यायिक सदस्य नामित किये गये
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय कार्यपरिषद में न्यायिक सदस्य नामित किये

 

लखनऊ, 6 फरवरी (सं.)। उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम 1973 की धारा-20 की उपधारा-1(जी) के अन्तर्गत प्रदेश के 11 विश्वविद्यालयों में कार्यपरिषद में (न्यायिक) सदस्य नामित किये हैं। यह नामांकन दो वर्ष की अवधि अथवा अग्रिम आदेशों तक मान्य होगा।

 

कुलाधिपति ने डाॅ0 राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, फैजाबाद के लिये न्यायमूर्ति भारती सप्रू को, डाॅ0 भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के लिये न्यायमूर्ति नारायण शुक्ला को, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी के लिये न्यायमूर्ति अरविन्द कुमार त्रिपाठी को, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर के लिये न्यायमूर्ति श्रीमती रंजना पाण्डया को, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के लिये न्यायमूर्ति पंकज मित्तल, लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ के लिये न्यायमूर्ति वी0के0 दीक्षित (से0नि0) को, चैधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के लिये न्यायमूर्ति सुनीत कुमार को, वीर बहादुर सिंह पूर्वान्चल विश्वविद्यालय, जौनपुर के लिये न्यायमूर्ति उमेश द्विवेदी को, महात्मा ज्योतिबा फुले रूहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली के लिये न्यायमूर्ति खेम करन (से0नि0) को, सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के लिये न्यायमूर्ति डी0पी0 सिंह (से0नि0) को तथा ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी-फारसी विश्वविद्यालय, लखनऊ के लिये न्यायमूर्ति शबीहुल हसनैन को सदस्य नामित किया है। 

इस आशय की जानकारी राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमन्त राव ने दी है।